दिव्य प्रेम में कोई शर्त नहीं होती, कोई सीमा नहीं होती, कोई परिवर्तन नहीं होता। शुद्ध प्रेम के स्तम्भनकारी स्पर्श से मानवी हृदय में नित्य होने वाले परिवर्तन सदा के लिए रुक जाते हैं।
— स्वामी श्रीयुक्तेश्वर
स्वामी श्रीयुक्तेश्वरजी के महासमाधि दिवस के अवसर पर वाईएसएस संन्यासियों द्वारा सोमवार, 9 मार्च को हिन्दी में सुबह 6:30 बजे से 8:00 बजे तक (भारतीय समयानुसार) और अंग्रेजी में शाम 6:00 बजे से 7:30 बजे तक (भारतीय समयानुसार) ध्यान-सत्र संचालित किये गए।
इन सभी कार्यक्रमों में चैन्टिंग, तथा ध्यान की अवधियाँ और तत्पश्चात एक प्रवचन शामिल थे।
