वर्तमान कोरोना महामारी के कारण, सभी संन्यासी दौरे अगली सूचना तक स्थगित कर दिये गए हैं।

परमहंस योगानन्दजी की आत्मा-मुक्ति प्रदायक प्रविधियों की निरन्तर बढ़ती माँगों की परिपूर्ति में सहायता करने हेतु, प्रत्येक वर्ष योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया के संन्यासीगण देश के विभिन्न शहरों का दौरा करते हैं। ये संन्यासी सप्ताहांत रिट्रीट एवं प्रेरणा प्रदायक कार्यक्रमों का संचालन करते हैं, जिसमें परमहंस योगानन्दजी की “जीने-की-कला” शिक्षाओं पर कक्षाएँ, योगदा की योग प्रविधियों का पुनरवलोकन, सामूहिक ध्यान, चैंटिंग, ऑडियो/वीडिओ शो, तथा क्रियायोग दीक्षा समारोह सम्मिलित हैं।
व्याख्यान दौरे, नये जिज्ञासुओं को परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं से परिचित कराते हैं तथा पुराने पाठमाला सदस्यों को योगदा ध्यान प्रविधियों में गहन मार्गदर्शन का सुअवसर प्रदान करते हैं। योगदा सदस्यों के लिए कार्यक्रमों में तथा स्थानीय रिट्रीट कार्यक्रमों में योगदा ध्यान प्रविधियों पर कक्षाएँ सम्मिलित रहती हैं तथा ये सामूहिक ध्यान एवं सत्संग का सुअवसर भी प्रदान करते हैं। इन कार्यक्रमों में परमहंस योगानन्दजी की शिक्षाओं के अनेकों अन्य विशेष पहलू भी सम्मिलित रहते हैं, जैसे कि :
- दैनिक जीवन में ध्यान का महत्व
- अधिक सामंजस्यपूर्ण जीवन कैसे जीएँ
- आन्तरिक आवश्यकताओं का बाहरी माँगों के साथ सन्तुलन बनाना सीखना
- आध्यात्मिक आधारशिला पर सम्बन्धों का निर्माण करना
- जीवन की असंगतियाँ को समझना
- स्वास्थ्य तथा रोग-निवारण के योग सिद्धान्त
- मृत्यु तथा मृत्यु के उपरान्त के जीवन को समझना
- कर्म तथा पुनर्जन्म
- प्राचीन योग विज्ञान तथा आधुनिक विज्ञान की खोजों के बीच समानता
- मौन तथा एकान्त के शक्तिशाली प्रभाव
- हम में से प्रत्येक कैसे, एक अधिक शान्तिपूर्ण एवं सहानुभूतिपूर्ण विश्व के निर्माण में सहयोग कर सकता है

आपका योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया ऑनलाइन ध्यान केंद्र में ऑनलाइन ध्यान-सत्रों और विशेष कार्यक्रमों में भाग लेने के लिये स्वागत है।